स्वस्थ जीवन के लिए ज़रूरी बातें

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ये लेख हुमैरा ख़ातून जी ने भेजा है जो जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्र हैं। उन्होंने बहुत ही आसान तरीके से इस बात को समझाया है कि सेहत का असर किस तरह असल ज़िन्दगी पर पड़ता है और अच्छी सेहत के लिए एक इंसान को क्या क्या करना चाहिए।

आज की इस पोस्ट में हम स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के बारे में बात करेंगे। स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन हमारे लिए क्यों जरूरी है? किन वजह से स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन प्रभावित होता है? और स्वस्थ जीवन जीने के लिए क्या करना चाहिए। ये सब जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें।

Health – Key Factor for Healthy Life || Good Health – Good Life || How to improve mental health? || How to improve physical health? || How to get happiness in life? || How to improve social engagement with people? || Healthy Life – Healthy Home

Table of Contents

स्वस्थ जीवन के लिए महत्वपूर्ण कारक

आज की इस भाग दौड़ वाली जिंदगी में, हम सबसे ज़रूरी चीज़ यानी सेहत को नज़र अंदाज़ कर देते हैं। अगर हम अपने आस-पास ही देखें तो ज्यादातर लोग कभी ना कभी अपनी सेहत को लेकर परेशान रहे हैं। इसलिए सबसे पहले हम जानेंगे कि अच्छी सेहत यानी Good Health क्या है?

WHO के अनुसार, शारीरिक (Physical) मानसिक (Mental) और सामाजिक (Social) रूप से स्वस्थ होना ही अच्छी सेहत है। सिर्फ बीमार न होना ही अच्छी सेहत नहीं कहलाता। इसलिए हमें हर पहलू को जानना ज़रूरी है।

WHO की परिभाषा के अनुसार, स्वास्थ्य के 2 पहलू हैं: 1. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) और 2. मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य (Psychological Health)। आज की इस पोस्ट में हम Health के इन दोनों विषयों पर बात करेंगे और सेहतमंद होना हमारे लिए क्यों जरूरी है इस पर भी बात करेंगे?

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Types of Health || स्वास्थ्य के प्रकार

1. Physical Health || शारीरिक स्वास्थ्य

दुनिया में हर जगह लोग शारीरिक स्वास्थ्य को लेकर परेशान हैं। लोग अपना काफी वक़्त कंप्यूटर स्क्रीन या स्मार्ट टीवी के आगे बिता रहे हैं। और वहीं अगर युवाओं की बात करें, तो वो स्मार्टफोन और सोशल मीडिया में व्यस्त हैं। जिस वजह से ये सब लोग शारीरिक रूप से निष्क्रिय होते जा रहे हैं।

और बच्चों की बात करें, तो वो अपनी ज़बान के स्वाद के लिए हेल्थ के साथ समझौता कर रहे हैं। पिज्जा, बर्गर और जंक फूड आए दिन खाना उनकी आदत बन चुकी है। और इसकी वजह से बच्चों में, डायबिटीज, मोटापा सामान्य रूप से देखने को मिल जाता है।

2. Psychological Health || मानसिक स्वास्थ्य

हमारे विचार ( Thoughts ) और भावनाएँ ( Emotions ) हमरी भावनात्मक जीवन पर असर डालने के साथ साथ हमारे शरीर के कार्य ( बॉडी Functions ) पर भी असर करती हैं। आज हम तकनीक और विकास के ऐसे ज़माने में जी रहे हैं, जहाँ हर कोई अपनी भागम भाग ज़िन्दगी में व्यस्त है। उनके ऊपर इतनी जिम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं कि अपनी परेशानियाँ ( Problems ) शेयर करने का और दूसरे की प्रॉब्लम सुनने का भी वक़्त नहीं है। जिसकी वजह से काई लोग तनाव ( Depression ) में जा रहे हैं और ऐसे तनावग्रस्त लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

हमारी ज़िन्दगी गुज़र तो रही है लेकिन रिश्ते ख़त्म होते जा रहे हैं। लोग संघर्ष कर रहे हैं, कोई जॉब के लिए, कोई एग्जाम में अच्छे स्कोर करने के लिए तो कोई अपनी व्यक्तिगत समस्याओं ( Problems ) के लिए। जिसकी वजह से उनकी ज़िन्दगी में तनाव बढ़ता ही जा रहा है। भारत में, कई महिलाएँ मिर्गी ( Hysteria ) की बीमारी से परेशान हैं।

आज की तारीख में बहुत से लोगो के पास पैसा तो है लेकिन उनके पास मानसिक ( Mental ), भावनात्मक संतुष्टि ( Emotional Satisfaction ) और तनाव मुक्त जीवन ( Stress Free Life ) नहीं है। और जब मुश्किल वक्त आता है, तो वो नेगेटिव सोचने और करने लगते हैं। ऐसे वक्त में व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से टूटने लगता है। शोधकर्ता ( Researchers ) बताते हैं कि हमारी सिर्फ एक सोच हार्मोन्स को ट्रिगर कर सकती है जिससे शरीर में हार्मोन असंतुलन ( Harmonal Imbalance ) हो जाता है।

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शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार कैसे करें

1. Exercise || व्यायाम

WHO की साल 2002 की रिपोर्ट के अनुसार, 150 मिनट की Excercise, 35% दिल की बीमारी, 50% Type-2 Diabities, 20% Breast Cancer और 30% Depression को कम करती है। नियमित व्यायाम करने से कई  व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है ये कई बार साबित भी हो चुका है। इसलिए ये हर किसी को करना चाहिए। जो लोग ज़्यादा healthy हैं, वो ज़ोरदार ( vigorous )  excercise कर सकते हैं और जिनका वज़न ठीक ठाक है, वो मध्यम ( moderate ) excercis। कर सकते हैं जैसे टहलना ( walking ), साइकलिंग आदि।

2. Healthy Diet Plan || स्वस्थ आहार योजना

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     a. Avoid Junk Food || जंक फ़ूड खाना बंद करें

बच्चों और बड़ों को सबसे पहले Junk Food से बचना होगा क्योंकि इसमें काफी ज्यादा सोडियम, saturated और trans fat, और बहुत ज़्यादा मात्रा में कैलोरी होती है। जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल का लेवल खराब होता है और लीवर की समस्याएँ सामने आती हैं। कुछ खास अवसर पर या कभी-कभी खाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन नियमित खाने से ज़रूर परेशानियाँ हो सकती हैं।

     b. Eat Balanced Diet || संतुलित आहार लें

Health Lifestyle का अहम हिस्सा health diet भी है। ज़रूरत के हिसाब से खाना खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ( Immunity Power ) बढ़ती है। फल और सब्ज़ियों में भी ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं जो शरीर को कई बीमारियों से बचाते हैं और शरीर के कार्यों में भी सुधार करते हैं। पोटेशियम युक्त आहार (Potassium Rich Deit) उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है।

ज़्यादा से ज़्यादा पोषक तत्व लेने के लिए, मौसमी और स्थानीय रूप से उपलब्ध फल खाने चाहिए। WHO की रिपोर्ट के अनुसर, हर इंसान को 5 हिस्से फल या सब्ज़ियों के रोज़ाना खाने चाहिए।

     c. Drink Sufficient Amount of Water || पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

जल ही जीवन है – पानी सबके लिए जरूरी है। मानव शरीर में भी 60% पानी होता है। इसलिए हमें ज़रूरी मात्रा में पानी पीना चाहिए। इसके ज़रिए हमारी body भी fresh रहती है और body से विषैले पदार्थ (toxins) भी बाहर निकलते हैं।

     d. Avoid Excessive Sugar || मीठी चीज़ें खाने से परहेज़ करें

शुगर में nutrition value ज़ीरो होती है जबकी कैलोरी बहुत ज्यादा मात्रा में होती है जिसकी वजह से Diabetes हो जाती है। इसलिए बहुत ज़्यादा मीठा खाने से परहेज़ करें।

मैं अपना पर्सनल एक्सपीरियंस आप लोगो के साथ शेयर करना चाहती हूं कि कैसे मैंने अपनी थायरॉइड की परेशानी को को healthy diet प्लान से सही किया। दवा के अलावा, मैने खूब पानी पिया, Junk food और चीनी से बानी चीज़ो से परहेज़ किया। और रोजाना 3 तरह के फल, 2 तरह की सब्ज़ियाँ थोड़े थोड़े समय पर खाती रही और सुबह शाम 15 मिनट पैदल। इस schedule को मैंने 4 महीने तक जारी रखा है और उसके बाद मेरी ब्लड रिपोर्ट normal हो गई।

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3. Avoid Sedentary Life Style || सुस्त लाइफ स्टाइल से बचें

हमारी पुरानी पीढ़ियां (Old Generations) शारीरिक रूप से मज़बूत और सक्रिय थीं। क्योंकि उस वक्त लोगो को कार, स्मार्टफोन, इंटरनेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं। इसलिए हमें भी अपने को फिट रखने के लिए physical work में ज़्यादा शामिल होना पड़ेगा जैसे बाहर खेलना, थोड़े से रास्ते के लिए गाड़ी का इस्तेमाल न करना और पैदल चलना आदि।

4. Early to Bed & Early to Rise || जल्दी सोएं और जल्दी उठें

जल्दी सोना और जल्दी उठाना, शरीर को पूरे दिन ताज़ा रखता है और हमारी body पहले से ज़्यादा चुस्त (productive) और सक्रिय (active) रहती है। देर रात सोना और सुबह देर से उठने की आदत इंसान को आलसी (lazy) और सुस्त (inactive) बना देती है। इसलिए कम से कम 8 घंटे की नींद ज़रूर पूरी करें ताकि आपका दिमाग भी पूरी तरह से relax हो जाए और काम करने के लिए दोबारा तैयार रहे।

5. Avoid Digital Screens or Mobile || मोबाइल और टीवी को काम देखें

स्मार्टफोन का इस्तेमाल सिर्फ ज़रूरत के हिसाब से करें। ज़्यादा इस्तेमाल करने से आँखों की रोशनी काम होना, मस्तिष्क गतिविधि का कम होना, तनाव में जाना जैसी परेशानियाँ होने लगती हैं। इसलिए हमें अपने समय को स्मार्टफोन, लैपटॉप और टीवी जैसे उपकरणों पर लगाना कम करना होगा।

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मानसिक स्वास्थ्य में सुधार कैसे करें

1. Meditation || ध्यान लगाएँ

आज की तारीख़ में हमारे पास अपनी देखभाल करने का भी समय नहीं है और कभी-कभी तो हम अपनी भावनाओं और सोच को लेकर इतने भ्रमित हो जाते हैं कि हमें समझ ही नहीं आता कि हम क्यों परेशान और उदास हैं। इसलिए ज़रूरत है कि हम खुद के लिए भी समय निकालें। ध्यान (Meditation) concentrate करने का ख़ास तरीका है। ये तनाव को कम करता है और अच्छी नींद को बढ़ाता है। इससे immunity भी बढ़ती है और साथ ही साथ दिमाग और शरीर में भी अच्छा तालमेल कायम होता है।

2. Yoga || योगा करें

योग का सिद्धांत भारत से वजूद में आया है और आज की दुनिया के हर हिस्से लोकप्रिय होता जा रहा है। पुराने रोग को ठीक करने में भी योग आसन ने बेहतरीन योगदान दिया है। इससे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य अच्छा होती है। जिन लोगो को दवा से एलर्जी है, उनकी first stage की बीमारी के लिए योग अच्छा विकल्प है।

3. Healthy Social Relationship || अच्छे सामाजिक संबंध

शोध बतातें हैं कि जिन लोगों के रिलेशनशिप कमजोर होते हैं, वो उन लोगो के मुक़ाबले कम जीते हैं जिनकी सोशल रिलेशनशिप मज़बूत होती है। मजबूत रिश्तेरिलेशनशिप वाले लोग ज़्यादा ख़ुश मिज़ाज़ होते हैं। इसके लिए ज़रूरी नहीं कि कोई आपको प्यार करें, बल्कि आप दूसरों प्यार करें। और हम सभी को अपनों के साथ हफ्ते में एक बार तो ज़रूर समय बिताना चाहिए। इससे आपका depression भी दूर होगा और आप 6दिमागी तौर पर भी मजबूत बनेंगे।

4. Gratitude || शुक्रगुज़ार रहें

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कभी-कभी लोग दूसरों की तरक्की और पैसा देखकर अंदर ही अंदर जलने लगते हैं। और कभी कभी तो दूसरे से खुद को तुलना करके अपने आत्मविश्वास को कम कर लेते हैं जिस वजह से उनके व्यवहार में नकारात्मकता दिखने लगती है। और बाद में वही लोग तनाव का शिकार हो जाते हैं।

इसलिए आपके पास जो भी है, उसमें खुश रहने की कोशिश करें क्योंकि अगर आप ये आर्टिकल पढ़ रहे हैं तो उन लोगों से भी तुलना करें जिनके पास ये भी सुविधा नहीं है। हमें ख़ुदा का शुक्र अदा करना चाहिए कि हमारे पास फैमिली, फ्रेंड्स और हमारी ज़रूरत की चीज़ें अभी भी हैं।

दुनिया में अभी भी बहुत से ऐसे लोग हैं जिनकी कोई फैमिली नहीं है, कोई उनकी देखभाल करने वाला नहीं है, खाने के लिए नहीं है फिर भी अपनी ज़िन्दगी में संघर्ष कर रहे हैं।

2017 में एक अध्ययन किया गया था जिसके हिसाब से खुश रहने वाले लोग कम बीमार पड़ते हैं, अच्छी नींद लेते हैं और आगे चलकर ऐसे लोग कामयाब भी होते हैं।

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Conclusion || निष्कर्ष

अपनी बात खत्म करते हुए, मैं आप लोगों को स्टीव जॉब्स (Apple Inc. के सह-संस्थापक) की कही गई बात को रखना चाहती हूँ। इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले उन्होंने दुनिया के लिए एक बहुत ही बेहतरीन बात कही थी।

उन्होंने कहा की “दौलत और शौहरत आपको खुशहाल ज़िन्दगी नहीं दे सकती। दौलत और शौहरत का लालच आपको कुछ नहीं देता बल्कि ये तो सिर्फ एक भ्रम है जो आपको तनाव और जीवन की खराब गुणवत्ता की तरफ ले जाता है। ज़िन्दगी की सबसे ज़रूरी चीज़ अच्छी सेहत और सामाजिक संबंध हैं। हमें अपनी पूरी ज़िन्दगी ख़ुशी और आनंद के साथ जीनी चाहिए। और हमें हर उस चीज़ के लिए शुक्रगुज़ार होना चाहिए जो हमारे पास है और उतने में ही खुश रहना चाहिए ताकि ज़िन्दगी के आखिरी दिनों में हमें किसी भी बात का अफ़सोस न करना पड़े।”और शौहरत आपको खुशहाल ज़िन्दगी नहीं दे सकती। दौलत और शौहरत का लालच आपको कुछ नहीं देता बल्कि ये तो सिर्फ एक भ्रम है जो आपको तनाव और जीवन की खराब गुणवत्ता की तरफ ले जाता है। ज़िन्दगी ही खुश रहना चाहिए ताकि ज़िन्दगी के आखिरी दिनों में हमें किसी भी बात का अफ़सोस न करना पढ़े।”


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